नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने फैसलों से देश को चौंकाते रहे हैं. चीन के साथ सीमा पर जारी तनाव के बीच कल प्रधानमंत्री अचानक जवानों का हौसला बढ़ाने लेह के निमू पहुंच गए. पीएम मोदी से पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के लद्दाख दौरे की खबर आ रही थी, लेकिन अचानक उनके दौरे को रद्द कर दिया गया. पीएम के इस दौरे के पीछे सारी रणनीति राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने बनाई.

पीएम नरेंद्र मोदी शुक्रवार सुबह चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल विपिन रावत और थलसेना अध्यक्ष मनोज मुकुंद नरवणे के साथ अचानक लेह पहुंच गए. चीन की आक्रामक पीपल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) के खिलाफ सीमा पर भारत की तैयारियों का जायजा लेने के साथ ही पीएम मोदी ने भारत के सैनिकों में जोश भर दिया.

पीएम मोदी के लेह जाने के फैसले को तब तक सार्वजनिक नहीं किया गया जब तक पीएम मोदी हवाई अड्डे पर नहीं उतर गए. पीएम मोदी की इस यात्रा की सारी तैयारियों को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, सीडीएस बिपिन रावत और सेना प्रमुख मुकुंद नरवणे ने अंजाम दिया. आइसोलेशन से दो सप्ताह के बाद बाहर आए एनएसए अजित डोभाल इस दौरान दिल्ली में ही थे.

विशेषज्ञों ने कहा कि लद्दाख क्षेत्र में पीएम मोदी की मौजूदगी ने चीन को संकेत दिया है कि भारत का मतलब व्यापार है और वह अपनी जमीन का एक इंच भी नहीं छोड़ेगा. साथ ही साथ देश को लोगों को भी भरोसा दिलाया है.

पीएम मोदी के लद्दाख सेक्टर जाने का फैसला गुरुवार शाम को फाइनल किया गया. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने इसके लिए सीडीएस बिपिन रावत से चर्चा की थी. पीएम मोदी, अजित डोभाल और तब सेना अध्यक्ष रहे बिपिन रावत ने एक साथ 2017 में डोकलाम तनातनी के दौरान भी चीन का आक्रामकता का सामना किया था और चीन को पीछे हटने पर मजबूर किया था.

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