नई दिल्‍ली. वर्तमान स्थिति में सीमाओं की रक्षा के लिए सशस्त्र बलों को मजबूत करने की आवश्यकता है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में रक्षा अधिग्रहण परिषद ने आत्म निर्भर भारत के लिए प्रधानमंत्री के आह्वान के अनुरूप भारतीय सशस्त्र बलों को विभिन्न प्लेटफार्मों और उपकरणों की खरीद को मंजूरी प्रदान की. लद्दाख में चीन के साथ तनाव अभी भी बरकरार है. पिछले 40 सालों में पहली बार ऐसा हुआ है, जब दोनों देशों के बीच हालात इतने ज्‍यादा बिगड़े हैं.

इसी को देखते हुए डिफेंस एक्यूजेशन काउंसिल कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अध्यक्षता में हुई बैठक में 38900 करोड़ रुपए के रक्षा खरीद को मंजूरी दी गई. इसमें 21 मिग-29 विमान की खरीद के साथ 59 मिग-29 विमान के अपग्रेडेशन के अलावा 12 Su-30 MKI लड़ाकू विमानों की खरीद को भी मंजूरी दी गई. मिग-29 की खरीद पर 7418 करोड़ रुपए की लागत आएगी, जोकि रूस से खरीदा जाएंगे. इसके साथ ही Su-30 MKI हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड की से खरीदा जाएगा, जिस करीब 10730 करोड़ की लागत आएगी.

आत्म निर्भर भारत के तहत खर्च होगी राशि

बताया गया है कि स्वदेशी डिजाइन और विकास पर केंद्रित इन मंजूरियों में 31130 करोड़ रुपये भारतीय उद्योग से अधिग्रहण के तहत खर्च किए जाएंगे. उपकरणों का निर्माण भारत में किया जा रहा है, जिसमें प्रमुख रक्षा विक्रेताओं के रूप में कई MSMEs की भागीदारी के साथ भारतीय रक्षा उद्योग शामिल है. इनमें से कुछ परियोजनाओं में स्वदेशी सामग्री परियोजना लागत का 80% तक है.

स्वदेशी उद्योग को DRDO द्वारा प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के कारण बड़ी संख्या में इन परियोजनाओं को संभव बनाया गया है. इनमें गोला-बारूद, बीएमपी अस्त्र-शस्त्र अप्रगेड, सेना के लिए सॉफ्टवेयर डिफाइंड रेडियो, लंबी दूरी के लैंड अटैक क्रूज मिसाइल सिस्टम और नौसेना व वायु सेना के लिए एस्ट्रा मिसाइल शामिल हैं. इन डिजाइन और विकास प्रस्तावों की लागत 20400 करोड़ रुपये के दायरे में है.

नई/अतिरिक्त मिसाइल प्रणालियों का अधिग्रहण तीनों सेनाओं के लिए किया जाएगा. जबकि पिनाका मिसाइल सिस्टम के अधिग्रहण से अतिरिक्त रेजिमेंट ऊपर उठाने में सक्षम होंगे, जो पहले से ही शामिल हैं. लांग रेंज लैंड अटैक मिसाइल सिस्टम के अलावा नौसेना और वायुसेना में मौजूद 1000 किलोमीटर की रेंज मिसाइलों की क्षमताओं को बढ़ाया जाएगा. इसी तरह से नौसेना और वायु सेना की स्ट्राइक क्षमता में इजाफा किया जाएगा.

इसके अलावा, भारतीय वायु सेना को अपने लड़ाकू स्क्वाड्रनों को बढ़ाने के लिए लंबे समय से महसूस की जा रही जरूरतों ध्‍यान में रखते हुए मौजूदा 59 मिग का अपग्रेडेशन, 21 MIG-29 की खरीद के साथ-साथ 12 Su-30 MKI विमानों की खरीद के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी. जबकि MIG 29 की खरीद और रूस से अपग्रेडेशन की लागत 7418 करोड़ रुपये होने का अनुमान है. Su-30 MKI एचएएल से 10730 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से खरीदा जाएगा.

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