नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने अपने विभिन्न मंत्रालयों एवं विभागों में कार्यरत बाबुओं, जिनमें निजी सहायक (पीए) और राजपत्रित प्रमुख निजी सचिव (पीपीएस) शामिल हैं, को एक साल के लिए एड-हॉक प्रमोशन मिलेगा.

डीओपीटी की तरफ से जारी आदेशों में कहा गया है कि यह पदोन्नति केवल उन्हीं कर्मियों को मिलेगी, जिनकी विजिलेंस रिपोर्ट बेदाग होगी. यदि किसी कर्मी को विजिलेंस क्लीयरेंस नहीं मिलती है, तो उसे एड-हॉक पदोन्नति नहीं मिलेगी. यह पदोन्नति 30 जून 2021 तक जारी रहेगी. इस बीच संबंधित कर्मी रिटायर हो जाता है, वीआरएस लेता है या उस पद पर नियमित अपाइंटमेंट होता है तो वह पीएस या पीपीएस अपने पहले वाले पद पर वापस आ जाएगा. वह यह दावा नहीं कर सकेगा कि वह उक्त पद के लिए योग्य हो गया है.

भविष्य में जब कभी नियमित नियुक्ति की बात होगी, तो उसे प्राथमिकता दी जाए, ऐसा भी नहीं होगा.
 डीओपीटी की तरफ से जारी आदेशों में कहा गया है कि यह पदोन्नति केवल उन्हीं कर्मियों को मिलेगी, जिनकी विजिलेंस रिपोर्ट बेदाग होगी. यदि किसी कर्मी को विजिलेंस क्लीयरेंस नहीं मिलती है, तो उसे एड-हॉक पदोन्नति नहीं मिलेगी. पीपीएस का पद राजपत्रित अधिकारियों की श्रेणी में आता है. विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में पीएस व पीपीएस के पद खाली पड़े हैं. जब तक इन पदों को नियमित तौर पर नहीं भरा जाता है, तब तक पीए व पीएस को एड-हॉक प्रमोशन दे दिया जाता है.

पीए को पीएस के पद पर पदोन्नति दे देते हैं और पीएस को पीपीएस बना दिया जाता है. जब इन्हें एड-हॉक प्रमोशन दिया जाता है, तो यह बात पहले ही स्पष्ट कर देते हैं कि जैसे ही इस पद पर स्थायी नियुक्ति होगी तो उन्हें वापस पहले वाले पद पर आना होगा.

यानी पीएस को पीए के पद पर और पीपीएस को पीएस बनना पड़ेगा. कई मंत्रालयों में पीपीएस के मौजूदा पदों पर कार्यरत स्टाफ को पहले से ही एड-हॉक परमोशन मिला हुई है, अब उन्हें एक साल के लिए एक्सटेंशन दे दिया जाएगा. जिनकी विजिलेंस क्लीयरेंस रिपोर्ट नहीं मिलेगी, उनकी पदोन्नति नहीं दी जाएगी.

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