पलपल संवाददाता, भोपाल. मध्यप्रदेश में दो जुलाई गुरुवार को मंत्रीमंडल का विस्तार होने जा रहा है, जिसे लेकर राजनैतिक बयानबाजी अभी से शुरु हो गई है. आज गुरुवार को मीडिया से चर्चा करते हुए सीएम शिवराजसिंह चौहान ने कहा कि मंथन से अमृत निकलता है और विष शिव जी पी जाते हैं. जिसपर पूर्व सीएम कमलनाथ ने तंज कसते हुए कहा कि मंथन इतना लम्बा रहा कि अमृत निकला ही नहीं, सिर्फ विष ही विष निकला है, जिसे रोज ही पीना पड़ेगा. 

बताया जाता है कि मध्यप्रदेश में मंत्रीमंडल विस्तार को लेकर दिल्ली में भी कई बैठकों का दौर चला सीएम शिवराजसिंह चौहान वरिष्ठ नेताओं से मिले, हर पहलु पर चर्चा की गई. इसके बाद केन्द्रीय नेतृत्व ने शिवराज की सूची को रिजेक्ट करते हुए नई सूची बना दी. ऐसा कहा जा रहा है कि हाईकमान द्वारा मंत्रीमंडल की जिस लिस्ट को फाइनल किया गया है, उसमें शिवराज के चहेतों को ज्यादा जगह नहीं मिली है.

नई सूची में ज्योतिरादित्य के समर्थकों व युवा चेहरों को स्थान दिया गया है, नई सूची जब जारी होगी तो कई चौकाने वाले नाम सामने आएगें. गुरुवार दो जुलाई को मंत्रीमंडल के विस्तार को लेकर तरह तरह के कयास तक लगाए जा रहे है, आज बुधवार को सीएम शिवराजसिंह चौहान ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि जब मंथन होता है तो अमृत निकला है, अमृत तो बंट जाता है लेकिन विष शिव पी जाते हए है, शिवराजसिंह के इस बयान के राजनैतिक गलियारों में कई मतलब निकाले जा रहे है, लेकिन विपक्ष ने इस शिवराज के बयान पर अपनी अपनी प्रतिक्रियाए देना शुरु कर दिया है, पूर्व सीएम कमलनाथ ने ट्वीटर के माध्यम से पलटवार करते हुए कहा कि मंथन इतना लम्बा हो गया है कि अमृत तो निकला ही नही, सिर्फ विष ही विष निकला है, मंथन से निकले विष को तो अब रोज ही पीना पड़ेगा क्योंकि गुरुवार से जो मंथन ही करना पड़ेगा. अमृत के लिए तो अब तरसना ही तरसना है, इस विष का परिणाम तो अब हर हाल में भोगना पड़ेगा.

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