* प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी (9772354346) * भगवान श्रीविष्णु की प्रसन्नता और आशीर्वाद के लिए एकादशी का विशेष महत्व है. * पापांकुशा एकादशी आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को कहते हैं. * इस एकादशी पर भगवान- पद्मनाभ, की पूजा की जाती है. * जैसा कि नाम से स्पष्ट है, जिस तरह हाथी को अंकुश से नियंत्रित किया जाता है वैसे ही पापकर्म को नियंत्रित करती है यह एकादशी. * इस एकादशी की लोकप्रिय कथा इस प्रकार है... * प्राचीन समय में क्रोधन बहेलिया था जो बेहद क्रूर स्वाभाव का था और उसकी सारी जिंदगी पापकर्म में डूबी थी. * जब उसका अंतिम समय आया तो वह बहुत घबराया और ऋषि अंगिरा की शरण में उनके आश्रम जा पहुंचा. * ऋषि अंगिरा ने उसे सच्चे दिल से क्षमा प्रार्थना करते हुए आश्विन शुक्ल एकादशी का विधिपूर्वक व्रत करने को कहा. * इस व्रत के प्रभाव से उसे जीवन में पापकर्म पर विराम लगा और मौत के पश्चात वह श्रीविष्णुलोक पहुंचा. * इस एकादशी के अवसर पर जाने/अनजाने हुए पापों के लिए क्षमा मांगे तथा भविष्य में पापकर्म नहीं करने का संकल्प लें, भगवान श्रीविष्णुदेव का आशीर्वाद प्राप्त होगा. -आज का राशिफल- निम्न राशि के लिए उत्तम चन्द्रबलम 09:42 तक: मेष, कर्क, सिंह, *मिथुन राशि में जन्में लोगो के लिए अष्टम चन्द्र उसके पश्चात - निम्न राशि के लिए उत्तम चन्द्रबलम अगले दिन सूर्योदय तक: मेष, वृषभ, सिंह, *कर्क राशि में जन्में लोगो के लिए अष्टम चन्द्र * यहां राशिफल चन्द्र के गोचर पर आधारित है, व्यक्तिगत जन्म के ग्रह और अन्य ग्रहों के गोचर के कारण शुभाशुभ परिणामों में कमी-वृद्धि संभव है, इसलिए अच्छे समय का सद्उपयोग करें और खराब समय में सतर्क रहें. - बुधवार का चौघडिय़ा - दिन का चौघडिय़ा रात्रि का चौघडिय़ा पहला- लाभ पहला- उद्वेग दूसरा- अमृत दूसरा- शुभ तीसरा- काल तीसरा- अमृत चौथा- शुभ चौथा- चर पांचवां- रोग पांचवां- रोग छठा- उद्वेग छठा- काल सातवां- चर सातवां- लाभ आठवां- लाभ आठवां- उद्वेग * दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें. * रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें. * अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है. * यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, स्थानीय पंरपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं. * अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है! पंचांग बुधवार, 9 अक्टूबर 2019 पापांकुशा एकादशी शक सम्वत 1941विकारी विक्रम सम्वत 2076 काली सम्वत 5121 दिन काल 11:40:30 मास आश्विन तिथि एकादशी - 17:20:23 तक नक्षत्र धनिष्ठा - 23:11:51 तक करण विष्टि - 17:20:23 तक पक्ष शुक्ल योग शूल - 25:39:27 तक सूर्योदय 06:18:07 सूर्यास्त 17:58:37 चन्द्र राशि मकर - 09:41:02 तक चन्द्रोदय 15:48:00 चन्द्रास्त 27:00:59 ऋतु शरद दिशा शूल: उत्तर में राहु काल वास: दक्षिण-पश्चिम में नक्षत्र शूल: कोई नहीं चन्द्र वास: दक्षिण में 09:42 तक, पश्चिम में 09:42 से
वृश्चिक, मकर, मीन
कन्या, धनु, कुम्भ
आज का दिन : ज्योतिष की नज़र में
खबर : चर्चा में
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